निदेशक के डेस्क से:
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आपका स्वागत है
सीएसआईआर-केंद्रीय नमक व समुद्री रसायन अनुसंधान संस्थान में
मै समझता हूँ कि आप के द्वारा हमारे संस्थान की वेबसाइट के अवलोकन का उद्देश्य तकनीक और तकनीकी समाधानों के संदर्भ में हमारी विशेषज्ञता, प्रशिक्षण/कौशल सहित हमारे द्वारा प्रदान की जाने वाली अन्य सेवाएं, मानव संसाधन विकास के अवसर, संस्थान द्वारा किए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के नवीन अनुसंधान, संस्थान का बौद्धिक मूल्यांकन या संभवतः हमारे जैसे सार्वजनिक वित्त पोषित अनुसंधान संस्थानों के विज्ञान एवं अनुसंधान परिदृश्य का अध्ययन करने की ललक जैसे अनेकों कारणों से किया जा रहा होगा ।
सीएसआईआर-सीएसएमसीआरआई समुद्री संसाधनों के क्षेत्र में कार्यरत देश के प्रमुख संस्थानों में से एक है। शोध के हमारे प्रमुख क्षेत्रों में नमक व समुद्री रसायन, मेम्ब्रेन आधारित विलवणीकरण और पृथक्करण प्रक्रियाएं, समुद्रीय कार्बनिक रसायनों के लिए उत्प्रेरण, विशिष्ट अकार्बनिक पदार्थ, नवीकरणीय ऊर्जा और अपशिष्ट से धन निर्माण प्रक्रियाएं शामिल हैं। हम समुद्रीशैवाल, सूक्ष्मशैवाल और हेलोफाइट्स-उनकी कृषि एवं डाउनस्ट्रीम प्रसंस्करण पर विशेष जोर देते हुए पादप आणविक जीवविज्ञान और जैवप्रौद्योगिकी पर भी गहन शोध करते हैं। हम मूल्य पुनःप्राप्ति के लिए लवणीय अपशिष्ट प्रबंधन, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन, और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी द्वारा स्थायी नवाचारों के माध्यम से मानव संसाधन के निर्माण के लिए पर भी गहन शोध करते हैं, जो एक परिपत्र अर्थव्यवस्था को सक्षम करने के प्रयास के साथ बड़े पैमाने पर समाज और राष्ट्र की भलाई को पोषित करता है।
वर्ष 2021-22 को कवर करते हुए संस्थान की हाल की घटनाओं को यहां प्रस्तुत करना मेरे लिए सौभाग्य और खुशी की बात है। मैं इस अवधि के दौरान स्वानुशीलन के साथ किए गए संस्थान के मुख्य शोधों, प्रयासों और उपलब्धियों को संक्षेप में प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूं, जो बेहतर कल के लिए हमारा मार्गदर्शन करेंगे।
सीएसआईआर-सीएसएमसीआरआई "लोगों तक पहुंचने वाले नवाचार" के आदर्श वाक्य के साथ नवीन प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और राष्ट्र निर्माण के लिए उनका स्थानांतरण करने के लिए कार्य करता है। रिपोर्ट की गई अवधि में, हमने दो महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को लाइसेंसीकृत किया है। इन प्रौद्योगिकियों में से एक ‘ताजे समुद्रीशैवाल-कप्पाफाइकस अल्वारेज़ी से तरल उर्वरक (सैप) तथा कैरागीनन की समकालिक पुनःप्राप्ति के लिए एकीकृत प्रक्रिया का विकास’ किसानों की आजीविका पर सीधा प्रभाव डालती है। दूसरी प्रौद्योगिकी, एक रासायनिक रूप से स्थिर कैटायन एक्सचेंज मेम्ब्रेन का विकास है जिसका क्लोर-क्षार उद्योगों में बहुत बड़ा अनुप्रयोग है।
इसके अलावा, कई नवीन तकनीकी जानकारी विकसित की गईं, 21 भारतीय और विदेशी पेटेंट दायर किए गए और इस अवधि में 15 पेटेंट अनुमोदित हुये। हमने प्रसिद्ध उद्योगों जैसे अडानी एंटरप्राइज लिमिटेड, ओएनजीसी एनर्जी सेंटर, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज, और अन्य सरकारी संगठनों के साथ विभिन्न प्रकृति की लगभग 26 परियोजनाएं शुरू कीं, जिनमें तमिलनाडु साल्ट कॉर्पोरेशन, गुजरात विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद, मत्स्य पालन विभाग, अंडमान व निकोबार और जल शक्ति मंत्रालय शामिल हैं।
COVID-19 महामारी की दूसरी लहर के कारण प्रतिबंधों के बावजूद, संस्थान ने अथक रूप से बुनियादी और अनुप्रयुक्त अनुसंधान किया। वैज्ञानिकों, छात्रों और तकनीकी जनशक्ति द्वारा किए गए अथक प्रयास, 5 से अधिक के औसत इम्पैक्ट फैक्टर (1300 के आसपास संचयी इम्पैक्ट, इस संस्थान के इतिहास में उच्चतम) के साथ अंतराष्ट्रीय प्रतिष्ठा वाले जर्नलों में 250 से अधिक शोधपत्र और प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों के साथ प्रकाशित कई पुस्तक अध्यायों से परिलक्षित होते है। हमारे अनेकों वैज्ञानिकों को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों और फैलोशिप से सम्मानित किया गया। कई वैज्ञानिकों और छात्रों को विभिन्न कार्यक्रमों के तहत विदेशों में प्रतिनियुक्त किया गया। विभिन्न संगोष्ठियों, सम्मेलनों और कार्यशालाओं में भाग लेने और संस्थान का प्रतिनिधित्व करने के अलावा, हमने वैज्ञानिक समुदाय में ज्ञान-प्रसार करने के लिए कई कार्यक्रम भी आयोजित किए। संस्थान ने इस अवधि के दौरान प्रख्यात वैज्ञानिकों और औद्योगिक विशेषज्ञों के कई अतिथि व्याख्यान भी आयोजित किए।
इस अवधि के दौरान मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में सीएसएमसीआरआई में कार्यरत 25 छात्रों ने एसीएसआईआर के माध्यम से पीएच.डी. डिग्री और लगभग 140 छात्रों ने इंटर्नशिप/अल्पकालिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। वर्तमान में संस्थान में बड़ी संख्या में युवा शोधार्थी हैं जो वरिष्ठ शोधकर्ताओं के ज्ञान और अनुभव का लाभ लेते हुये बड़े जोश के साथ इनमें से कई डोमेन में कार्य कर रहे हैं। संस्थान में विश्व-स्तर का केंद्रीकृत उपकरण विश्लेषणात्मक सुविधा, अत्याधुनिक सूचना सेवाओं से युक्त ज्ञान संसाधन प्लेटफ़ॉर्म और एक रचनात्मक कार्यशाला के साथ संवर्धित इंजीनियरिंग सेवा प्रभाग है।
सीएसआईआर-सीएसएमसीआरआई सदैव विज्ञान और आम जनमानस की सेवा में समर्पित सामाजिक गतिविधियों में तत्पर है। ऐसा ही एक उत्कृष्ट प्रदर्शन गुजरात में तौकते और महाराष्ट्र में कोंकण बाढ़ के प्रभावित लोगों को मोबाइल विलवणीकरण संयंत्रों के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराना है। हमने इस अवधि के दौरान कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 550 लोगों को प्रशिक्षित किया। ग्रामीण समुदाय की आजीविका बढ़ाने के लिए, लगभग 200 उम्मीदवारों, जिनमें ज्यादातर मछुआरे थे, को समुद्रीशैवाल की कृषि की तकनीक में प्रशिक्षित किया गया। इसके अलावा, उद्योगों, शिक्षाविदों और अन्य अनुसंधान प्रयोगशालाओं के साथ अनुसंधान एवं विकास सहयोग बढ़ाने की दिशा में, संस्थान ने इस अवधि के दौरान 29 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। मैं सभी प्रायोजक एजेंसियों, औद्योगिक भागीदारों और प्रौद्योगिकी लाइसेंसधारियों को उनके समर्थन और विश्वास के लिए धन्यवाद देता हूं। कोई आश्चर्य नहीं कि जब SSCIMAGO ने हाल ही में अपनी रैंकिंग की घोषणा की, तो भारत में मूल्यांकन किए गए 341 संस्थानों में यह संस्थान 42वें स्थान पर था।
यदि आप कोई सुझाव / सुधार / समावेशन देना चाहते हों तो, कृपया director@csmcri.res.in पर मेल करें।